• २०८१ असोज २९ मङ्गलबार

नए सपने बुनें

माँ हूँ जन्म से मैं

नारियल की देह

आँख भर देखा कहाँ

खबर

कल आज और कल

कुछ सुख बचे हैं

जीवन-मरण