स्तम्भ
कही अनकही

रेणु की रसप्रिया
कही अनकही

औशीनरी
पुराना कुरा

जनकविकेशरीको गायनयात्रा
कही अनकही

भिक्षु की मैयाँ साहेब
पुराना कुरा

मामाको गीत गाउने बाकस
याम–आयाम

पहिले त मानिस नै बन्नुपर्छ
कही अनकही

बसन्त की ‘वसंत’ अप्राप्य का व्यक्त संगम
...र शलभ

सरोज खनाल
साभार
