वो दूर है बहुत, मिलने का इंतजार भी नहीं करती ।
लेकिन,
मैंने ये कब कहा, की उससे प्यार भी नहीं करती ।
उसे ही आवाज देती है मेरे दिल की हर धड़कन,
लेकिन,
जुबां से अपनी उसको बुलाया बार बार भी नहीं करती ।
उसके बिना जीते हैं ऐसे जैसे जेल में कैदी
लेकिन,
उसे पाने के लिए अपनी हदों की दीवार पार भी नहीं करती ।
वो खफा है मुझसे तो क्या हुआ
लेकिन,
ये नहीं कि उसे मनाने की कोशिश हजार भी नहीं करती ।
यूं तो बहुत खुश रहते हैं हम अपने जहां में
लेकिन,
ये भी नहीं कि उसे देख कर मुस्कुराने की चाह एक बार भी नहीं करती ।
अस्मिता पटेल, बीरगंज, नेपाल