• २०८१ भाद्र २४ सोमबार

उम्मीद की चिता

रीता मिश्रा तिवारी

रीता मिश्रा तिवारी

बेकरार..
थी धार..
नैनों के बीच से..
आने को बाहर..
कांधे पर छपा..
स्पर्श..
होठों पर तैर गया !!
वंश की चाहत थी..
उम्मीद परेशां..
थी बाहर..
अंश को छुपाए रखना..
मुमकिन था नामुमकिन नहीं..
चांद सूरज मिले संभव नहीं..

अंश मिले कभी वंश को..
शायद ये असंभव नहीं !!
देहरी की दीवार पर..
सर टिकाए थी..
आस में ज्वाला..
बादलों की गर्जन से..
शब्दों की बारिश में..
ठंडी पड़ी थी चिता !!


रीता मिश्रा तिवारी
भागलपुर, बिहार, भारत