• २०८१ फागुन ३ शनिवार

क्यों ?

बसन्त चौधरी

बसन्त चौधरी

सम्बोधन !
हाँ, हाँ ! सम्बोधन !!
हर किसी की विशिष्ट पहचान
के लिए बना शब्द ही
कहलाता है सम्बोधन
होता है सभी पुरूषों के लिए
और नारियों के लिए भी  !
एक स्थायी या अस्थायी पहचान
स्थिर या बदलती हुई पहचान
प्रायः पुरूष की रहती है स्थिर
किन्तु बदलती रहती है नारी की
कभी बेटी, कभी बहिन
कभी किसी परिवार की बहू,
कभी पति की पत्नी,
कभी बच्चों की माँ, दादी नानी
और भी बहुत से रिश्ते
सब के सब अस्थिर सम्बोधन
नारी के लिए !
और अन्त में वह
स्वयं भी भूल जाती है
स्वयं का नाम
वह जो मिला था कभी
मात- पिता से
क्यों ?

साभार: अनेक पल और मैं (कविता संग्रह)


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(चौधरी विशिष्ट साहित्यकार हैं ।)