• २०८१ मंसिर १७ सोमबार

प्रेम दिवानी

पूजा बहार

पूजा बहार

ओ कान्हा !
कान्हा मैं तो प्रेम दीवानी हूँ
तेरे प्यार में डूबी मैं मस्तानी हूँ ।

जैसे प्यासी धरा तडप तडप अकुलाए,
घनघोर घटा देख बावरी हो जाए
कितना तुम्हें चाहती हूँ इससे अनजानी हूँ ।

ओ कान्हा !
कान्हा मैं तो प्रेम दीवानी हूँ
तेरे प्यार में डूबी मैं मस्तानी हूँ ।

राधा, मीरा, रुक्मणि सब को पीछे छोड दिया,
तेरे प्यार में ऐसे डूबी सब से मुख मोड लिया
तेरी बांसुरी की मीठी धुन सुहानी हूँ ।

ओ कान्हा !
कान्हा मैं तो प्रेम दीवानी हूँ
तेरे प्यार में डूबी मैं मस्तानी हूँ ।

जाने कितने सावन बरसे, कितने सावन तरसे,
प्यासे नैना लेकर कब से निकली हूँ घर से
एक झलक दिखाजा कान्हा मैं पगलानी हूँ ।

ओ कान्हा !
कान्हा मैं तो प्रेम दीवानी हूँ
तेरे प्यार में डूबी मैं मस्तानी हूँ ।


पूजा बहार