• २०८१ भाद्र २५ मङ्गलबार

लक्ष्मीबाई

सुषमा दिक्षित शुक्ला

सुषमा दिक्षित शुक्ला

मणिकर्णिका बन लक्ष्मिबाई
पग धरणि पर धर दिया ।

मानो स्वयं ही दुर्गामा ने,
जन्म धरती पर लिया ।

सुघड़ता मे लक्ष्मि जैसा,
रूप प्रभु ने था दिया ।

शौर्य, साहस शक्ति से,
माँ शक्ति ने सजा दिया ।

मां भारतीकी भक्ति हित,
थे प्राण अर्पण कर दिया ।

ये वीरता की अमिट गाथा,
को नयादर्पण दिया ।

नारी शक्ति अटल योद्धा,
की अमर मिसाल वह ।

क्रांति देवी रूप में थीं,
शत्रुओंका काल वह ।

निर्बल नहीं नारी कभी,
संदेश दुनियाको दिया ।

गौरव बढ़ाकर देश का,
यह विश्व में साबित किया ।


(लखनउ, भारत निवासी सुषमा दिक्षित शुक्ला चर्चित कवि हैं ।)
[email protected]