• २०८१ फागुन ३ शनिवार

नेपाल प्यारे बन्धु राष्ट्र

डा. शिखा कौशिक नूतन

डा. शिखा कौशिक नूतन

नेपाल ! प्यारे बन्धु राष्ट्र,
भारत को तुझ पे नाज़ है,
उज्ज्वल भविष्य है तेरा
स्वर्णिम तेरा इतिहास है

’ने’ ऋषि पालित धरा,
हिन्दू- वतन- हिमालयी,
उपासनाकी पद्धति
प्रतीक सब समन्वयी,
त्रिभुवन में आज गूंजता
नेपालका प्रताप है.
नेपाल ! प्यारे बन्धु राष्ट्र,
भारत को तुझ पे नाज़ है !

‘सयौं थुंगा फुलका हामी’
अधरों पे नित्य सज रहा,
लालीगुरांस ’पुष्प-सा
दुनिया में महक रहा,
‘डांफे’-सम नित भर रहा
विकास की परवाज़ है
नेपाल ! प्यारे बन्धु राष्ट्र,
भारत को तुझ पे नाज़ है !

नेपाल में ही तो बसी
श्रीरामकी ससुराल है,
बुद्धकी जन्म- स्थली
शत्- शत् तुझे प्रणाम है,
स्वर्ग से ऊपर ह्रदय में
जन्मभूमिका निवास है !
नेपाल ! प्यारे बन्धु राष्ट्र,
भारत को तुझ पे नाज़ है !

भारत नेपाल प्रगाढ़ता
सदियों से चली आ रही,
भिन्न राष्ट्र हैं परन्तु
संस्कृति मिली- जुली

भारत में ‘विश्वनाथ’हैं !
नेपाल ! प्यारे बन्धु राष्ट्र,
भारत को तुझ पे नाज़ है !


(काँधला (शामली) भारत, निवासी डा. शिखा कौशिक नूतन यूवा कवि हैं ।)
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