• २०८२ आश्विन २९, बुधबार

क्षणिकाएं

अशोक बाबू माहौर

अशोक बाबू माहौर

रोको उसे
वो जा रहा है
मैं भी हूँ पीछे
हँसी पल लिए हुए ।

सोने लगीं
अब तो टहनियाँ
शांत है वातावरण
न किसी की चिल्लाहट ।

जख्म भरे हुए
न कोई दवा
पर पीड़ा
बहुत है ।


अशोक बाबू माहौर
ग्राम- कदमन का पुरा, तहसील- अंबाह
जिला- मुरैना (म.प्र.) भारत