तेलगु कविता

रोको उसे
वो जा रहा है
मैं भी हूँ पीछे
हँसी पल लिए हुए ।
सोने लगीं
अब तो टहनियाँ
शांत है वातावरण
न किसी की चिल्लाहट ।
जख्म भरे हुए
न कोई दवा
पर पीड़ा
बहुत है ।
अशोक बाबू माहौर
ग्राम- कदमन का पुरा, तहसील- अंबाह
जिला- मुरैना (म.प्र.) भारत