English Poem
कसौटी पर तुम्हें पहले कसेंगे
तभी फिर बातें भी अपनी कहेंगे
इरादा तो नहीं था मुस्कुराएं
मगर कब तक दुखों को भी सहेंगे
सफ़र में था कहाँ कोई हमारा
अकेले थे अकेले ही रहेंगे
जिन्हें चलने की आदत हो गई है
वही वीरान रस्ते पर चलेंगे
उन्हें कल लौटना मुश्किल पड़ेगा
हवा के साथ जो मिलकर बहेंगे ।
आशीष कंधवे, दिल्ली, भारत