• २०८१ मंसिर २९ शनिवार

मैं एक पत्रकार हूँ

सुषमा दीक्षित शुक्ला

सुषमा दीक्षित शुक्ला

मैं एक पत्रकार हूँ,
मैं एक पत्रकार हूँ ।
समाज का हूँ आईना,
अवाम का गुबार हूँ ।

कहाँ पे क्या सही हुआ,
कहाँ पे क्या गलत हुआ ।
कहाँ पे क्या सृजित हुआ,
कहाँ पे क्या घटित हुआ ।

समाज के वजूद का,
मैं ही तो चित्रकार हूँ ।
मैं एक पत्रकार हूँ
मैं एक पत्रकार हूँ ।
समाज का हूँ आईना,
अवाम का गुबार हूँ ।

कर्मपथ पे मौत हो,
मैं मगर डरूं नही ।
अमीर क्या गरीब क्या ,
भेद मैं करूँ नही ।

खुशीकी बात हो या गम,
अवामकी पुकार हूँ ।
मैं एक पत्रकार हूँ
मैं एक पत्रकार हूँ ।
समाज का हूँ आईना,
अवाम का गुबार हूँ ।


सुषमा दीक्षित शुक्ला, भारत
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