English Poem

तुम्हारे अहसासों ने छुआ लगा करीब तुम हो
हवा गुनगुनाने लगी है लगा करीब तुम हो
मेरी जिन्दगी महक महक रही है आजकल
फूलों ने चुपके से ये कहा है करीब तुम हो
नजर आने लगे हो तुम ही तुम हर तरफ
सांसों ने हौले हौले से कहा है करीब तुम हो
साँवली सी रात जब जब डराती है दिल को
रेशमी उजाला बन झिलमिलाते करीब तुम हो
कभी आँखो में आँसू कभी दर्द की नरम छुअन
मुस्कान बन रहते लबों पर करीब तुम हो
जब जब सोचा है मैने प्रियवर तुमको
ऐसा लगा मेरी रूह के करीब तुम हो
पतझड़ का मौसम जब जब आता है
लगा जैसे बहार बनकर करीब तुम हो
तुम मिले तो लगा भोर हुई है जिन्दगीकी
सूरज की तरह जगमगाते करीब तुम हो
तुम्हारे अहसासों ने छुआ लगा करीब तुम हो
हवा गुनगुनाने लगी है लगा करीब तुम हो
बबीता प्रसाद “प्राची“, नासिक, महाराष्ट्र, भारत