• २०८१ माघ ११ शुक्रबार

शिक्षक तो अनमोल है

प्रियंका सौरभ

प्रियंका सौरभ

नूर तिमिर को जो करें, बांटे सच्चा ज्ञान !
मिट्टीको जीवित करें, गुरूवर वो भगवान !!

भरें प्रतिभा, योग्यता, बुनता सभ्य समाज !
समदृष्टि, सद्भाव भरें, पूजनीय ऋषिराज !!

जब रिश्ते हैं टूटते, होते विफल विधान !
गुरूवर तब सम्बल बने, होते बड़े महान !!

धैर्य और विवेक भरें, करते दुर्गुण दूर !
तप, बल से निर्मित करें, सौरभ निर्भय शूर !!

नानक, गौतम, द्रोण सँग, कौटिल्या, संदीप !
अपने-अपने दौर के, मानवता के दीप !!

चाहतको पर दे यही, स्वप्न करे साकार !
शिक्षक अपने ज्ञान से, जीवन देत निखार !!

शिक्षक तो अनमोल है, इसको कम मत तोल !
मीठे हैं परिणाम बहुत, कड़वे इसके बोल !!

गागर में सागर भरें, बिखराये मुस्कान !
सौरभ जिसे गुरू मिले, ईश्वर का वरदान !!


✍ प्रियंका सौरभ, कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार, हरियाणा, भारत
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