• २०८१ पौष २९ सोमबार

दुनिया का इतिहास पूछता

अटल बिहारी वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी

दुनिया का इतिहास पूछता,
रोम कहाँ, यूनान कहाँ ?
घर-घर में शुभ अग्नि जलाता ।
वह उन्नत ईरान कहाँ है ?
दीप बुझे पश्चिमी गगन के,
व्याप्त हुआ बर्बर अंधियारा,
किन्तु चीर कर तम की छाती,
चमका हिन्दुस्तान हमारा ।
शत-शत आघातों को सहकर,
जीवित हिन्दुस्तान हमारा ।
जग के मस्तक पर रोली सा,
शोभित हिन्दुस्तान हमारा ।


अटल बिहारी वाजपेयी