• २०८१ माघ ११ शुक्रबार

दो लघुकथाएं

 डॉ रामनिवास 'मानव'

डॉ रामनिवास 'मानव'

१. गिफ्ट पैक

पहले गिफ्ट में बर्तनों का पूरा सैट मिलता था- छह कप- प्लेट या छह गिलास, लेकिन अब चार ही होते हैं । किसी रिश्तेदार की शादी में मिले गिफ्ट पैक को खोलते हुए पत्नी ने कहा- इसमें भी चार ही ग्लास हैं । गिफ्ट पैक में बर्तनों की संख्या परिवार के सदस्यों की संख्या के अनुसार होती है। पति ने स्पष्ट किया । मतलबरु पत्नी ने जानना चाहा । मतलब यह है कि पहले परिवार में छह सदस्य होते थे- बेटा-बहू, दो बच्चे और माता-पिता । इसलिए छह बर्तनों का सैट मिलता था । लेकिन रु पत्नी कुछ समझ नहीं पाई थी । अब परिवार में चार ही सदस्य रह गये हैं- बेटा-बहू और दो बच्चे । इसीलिए गिफ्ट पैक में दिए जाते हैं चार कप- प्लेट या चार ग्लास ।

२. कारण स् मरने-जीने के

सुबह-सुबह जंगल-पानी जाने वाले लोगों ने, जब गांव के बाहर, तालाब के किनारे खड़े बड़ के पेड़ से लड़की किसी युवक की लाश देखी, तो हड़कंप मच गया। देखते-ही-देखते वहां लोगों का जमघट लग गया। मरने वाला युवक कौन हैरु कहां का हैरु जैसे प्रश्न गौण थे । चर्चा का विषय था युवक ने, फांसी का फंदा लगाकर, आखिर मौत को गले क्यों लगायारु सबके अपने-अपने अनुमान थे ।
– बेचारा बेकारी(बेरोजगारी से तंग आ गया होगा।
– घर में किसी से नहीं बनती होगी या मां-बाप रोज डांटते-डपटते होंगे ।
– पति-पत्नी के बीच अनबन भी मौत का कारण हो सकती है ।
– कर्ज न चुका पाने के कारण, रोज-रोज बेइज्जत होने से, मौत को श्रेयस्कर‌ समझा होगा ।
– प्यार में धोखा मिला हो, ऐसा भी हो सकता है ।
मैं किंकर्त्तव्यविमूढ़ होकर लोगों की बातें सुनता रहा । मरने के इतने कारण और जीने का एक भी कारण नहींरु ओफ्फ ! अनायास मेरे मुंह से निकला ।