• २०८१ पौष २८ आइतबार

उपमा शर्माका दस हाइकु

उपमा शर्मा

उपमा शर्मा

१.
रीत बनाई
बेटी चिडÞिया जैसी
हुई पराई

२.
रख विश्वास
ऊँची भर उड़ान
सच्चा प्रयास

३.
हुआ अकेला
वृद्धाश्रम में डेरा
साँझ की बेला

४.
होती कहाँ हैं
दुआयें बेअसर
तुम हो मिले

५.
खुर की टाप
हल धरे किसान
हरी धरती

६.
खाली हैं हाथ
यह वक्त की बात
कोई न साथ

७.
रहो तटस्थ
अस्त उदित सूर्य
देता संदेश

८.
हुए छलावा
बनते बिगड़ते
स्वार्थ के रिश्ते

९.
तुम्हारी बातें
ज्यों चाँदनी झरती
उजली रातें

१०.
रक्षा करता
सीमा पर सिपाही
गर्वित माता ।


उपमा शर्मा