बड़ी इच्छा हो किसी के साथ जीने की
और उसका साथ जब संभव न हो पाए- तब सेमल की तरह पत्तों के झड़ जाने के बाद अपने दुःख को एक फूल बनाना चाहिए ।
प्रज्वल चतुर्वेदी मिर्जापुर, उत्तरप्रदेश, भारत