• २०८१ माघ २ बुधबार

वह कौन है ?

आनन्दप्रकाश त्रिपाठी

आनन्दप्रकाश त्रिपाठी

वह कौन है जो
जो हटाना चाहता है
इन तपस्वियों को
जो तपश्चर्यारत हैं
अपनी मुक्ति के लिए नहीं
संपूर्ण चराचर जगत् के कल्याण हेतु ।
वह कौन है ?
जो भंग करना चाहता है
इनका तप
भय क्यों है उसे
तप और ज्ञान से ?
भय है उसे ?

अपने अधूरे ज्ञान से

अपनी तप हीनता से
ईर्ष्या- द्वेषा कुल मन से
अपने विषाक्त सोच से ।
देव बहुत उच्च थे
सर्व शक्तिमान थे
फिर भी रहा करते थे
भयभीत सदैव
दूसरों के असाधारण तप से
उनकी एकता और शक्ति संगठन से ।
निर्विकल्प है
तप और ज्ञान साधना
जीता नहीं जा सकता है
कभी कोई भी युद्ध
अपनी कायरता से
धोखाधड़ी से
षड्यंत्र से
या किसी शार्टकट रास्ते से ।
क्या हटा दिया जाएगा
इसी तरह
उन्हें अपमानपूर्वक
या मन की खिन्नता
अपमानकी कल्पना भर है ?


आनन्दप्रकाश त्रिपाठी, सागर, मध्यप्रदेश, भारत