• २०८२ आश्विन ३०, बिहीबार

किशन पौडेलका दुई हिन्दी कविता

किशन पौडेल

किशन पौडेल

होमो सेपियन्स !

पृथ्वी के
अखंड भूगोल की
सीमाओं पर
विभेद का काल्पनिक
रेखाएं खींचकर
सदियों से लड़ रहे हैं
अपनी ही सभ्यता और
जी जाति के खिलाफ
एक ही नस्लों के
होमो सेपियन्स !

भूख

जब –
भूखा पेट भर जाता हैं
तो दूसरी एक और
भूख पैदा हो जाती हैं
कभी न मिटने वाली भूख ।

भूखा पेट
इतना खतरनाक नहीं होता हैं
लेकिन भरे हुए पेट से
सावधान !


किशन पौडेल