तुम्हारी –हमारी मुलाक़ात होगी,
नज़र भी मिली तो वो सौग़ात होगी ।
सितमग़र जहाँ से चलें दूर साजन,
वही वस्ल होगा वहीं रात होगी ।
भटकता रहा मन यहाँ से वहाँ पर,
मिलोगे जो हँसकर तभी बात होगी ।
तुम्हें पालिया तो जिंदगी खुशहाल होगी,
ख़ुशीकी सदा फ़िर तो बरसात होगी ।।
अस्मिता पटेल, बीरगंज, नेपाल