• २०८१ भाद्र २५ मङ्गलबार

खुशियों भरा हर पल होगा

प्रियांशी

प्रियांशी

धरती पर जब जल होगा
खुशियों भरा हर पल होगा

पृथ्वी पर सत्तर प्रतिशत जल
हममें भी सत्तर प्रतिशत जल

सारी प्रकृति जल से निर्मित
हर धर्म- कर्म में जल अर्पित

धरती की प्यास बुझाता जल
जल से ही मिलती हमें फसल

पौधे जब पीते हैं यह जल
तब देते मीठे- मीठे फल

मछली रानी का घर है जल
देखो उसकी छलमल- छलमल

गर्मी जब प्यास बढाती है
सब जीव- जन्तु होते बेकल

तब वर्षा रानी आती है
झम- झमकर जल बरसाती है

ईश्वर का तोहफा है यह जल
इसे बचाएं हम सब मिल

जरुरत भर खर्च करें हम जल
तभी सुरक्षित होगा कल

कचरा- प्लास्टिक न बहाएं हम
प्रदूषण मुक्त बनाएं हम

संरक्षित करें हम वर्षा जल
न हो भावी पीढ़ी से छल

आज हो लें सचेत जो हम
सुरक्षित हमारा कल होगा

सुंदर- सुखद सब पल होगा
प्रदूषण का यही हल होगा

जल से ही आनंदित माँ
प्रकृति का मुखमंडल होगा ।


प्रियांशी, मुंबई, महाराष्ट्र भारत