• २०८० जेठ १७ बुधबार

उन दिनों

डा. अनुराधा 'ओस'

डा. अनुराधा 'ओस'

जब दुनियां भर की
बेफिक्री थी मेरे
मैं सूरजमुखी के फूलों से
बातें कर लेती थी

उन दिनों जब जिंदगी
किसी कविता की तरह
लगती थी
सारी दुनियां सुंदर
लगती थी
एक लंबी यात्रा पर जाने
का खूब मन करता था


(डा‘. ’ओस’ चर्चित कवयित्री हैँ ।)
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