हे प्रभुवर!
जगत के रघुनंदन आदर्श
हे! श्री राम दया के सागर,
कौशलेंद्र, दशरथनन्दन,
कमल नयन, करुणानिधि,
संतन हितकारी, त्रिलोकी नाथ!
भोले नाथ के आराध्य तथा आराधक!!
शीतलता, मुस्कान की खान,
जम्बूद्वीप की पावन पहचान।
हे! रघुनन्दन घट घट वासी!!
वानर,भालू,कोल-किरात आदि
दीन हीनों के सखा, स्वामी!
ऊंच-नीच का भेद भुलाकरद
केवट, शबरी, गौतम नारी सहित
अनन्य भक्तों के प्रभु उद्धारक!
अवधपुरी में भव्य मंदिर
की शुरुआत हो रही है।
हे! धर्म राज्य, रामराज्य के,
संस्थापक!
आपकी कृपा से हुआ है ये संभव
गूंज रही है चहुँदिश जयकार,
फहरा रही है धर्म ध्वजा आज,
संपूर्ण संसार में!
हे! रघुनन्दन घट घट वासी राम!
तेरी जय हो! जय हो!! जय हो!!!