• २०८१ कातिर्क २३ शुक्रबार

बात उनकी ही बिगड़ती है जिन्हें बातें बनाना नही आता

मुकेश नेमा

मुकेश नेमा

इस पापी दुनिया मे जो कुछ भी मुफत बनाया जा सकता है ! बात बनाना उनमें से एक है ! कुछ कायदे का ना बना पायें तो बात बनाईये ! यदि आपको दुनिया जहान के काम आते हो, मेहनती हों, ईमानदार हों पर यदि बातें बनाने मे आप फिसड्डी है तो यह माना जायेगा कि आपको कुछ नही आता ! आप किसी काम के नहीं और आपसे किसी भी तरह की उम्मीद नहीं रखी जा सकती !

हाँलाकि महाकवि इंदीवर फरमा गये है कस्मे वादे प्यार वफा सब बातें है बातों का क्या ! पर मै उनसे इत्तफाक नही रखता ! बातो का बहुत कुछ है ! सही बात तो ये है कि ये दुनिया बस बातों का ही जमा खर्च है ! बातें वकत काटने के काम तो आती ही है बहलाने फुसलाने के, कुछ भी कचरा कूडा बेचने के काम भी आती है ! बातें करने वाला साबुन सोडे से लेकर राजनीति, धर्म ,भाषा ,संस्कृति सब कुछ बेच सकता है ! बेचता ही है !

सब बातो का खेल ही है ! मदारी के मजमे से लेकर वकीलों और बनियों की दुकाने, बाबाओं के आश्रमों की रौनके, नेताओं की मखमली कुर्सियाँ सब लच्छेदार बातों की ही मोहताज है ! बातें बनाना वो पूँजी है जिससे नौ लखा महल खड़े किये जा सकते है ! यदि आप बातें बनाना नहीं जानते तो जिंदगी भर बातें बनाने वालों की चाकरी करेंगे ये तय है !

बातों की अपनी महक होती है ! बातें बनाना स्वादिष्ट चाट बनाने सी कलाकारी है ! मसालों का सही अनुपात हो तभी तो चाट खाने वाला ऊँगली चाटेगा ! इसी तरह चटपटी हो आपकी बातें, तो सुनने वाले लाईन लगाये खड़े रहेंगे यह तय है !

बाते बनाने वाले जादूगर होते हैं ! उनके हैट से बातो के ऐसे–ऐसे खÞरगोश निकलते हैं कि सुनने वाले दम साध लेते हैं ! उसकी बजाई बांसुरी पर चूहों की तरह उनके पीछे हो लेते है ! और वही सुनते हैं और वैसा ही करते है जो उनसे कहा जाता है !

बातें माहौल बना देती है ! कुछ करने–धरने की जरूरत नही ! बातें करना भरोसा दिलाना है ! मै ये कर दूँगा, मै वो कर दूँगा ! हमारी खासियत है ये ! हम बातों मे आ जाते हैं ! फिदा हो जाते है बातें बनाने वालो पर ! बातें बनाने वाले आपके वोट का, धन का, वो आपसे जो लेना चाहता है उसका, जो कुछ भी आपके पास है उसका ! डंके की चोट पर लूट लेते है ! बातों के धनी बातों की ही खाते है ! बस बातें कीजिये और जो मर्जी हो खा जाइये !

दुनिया में अब तक हुये सारे लोकप्रिय नेताओं की, तानाशाहों की फेहरिस्त पर नजर दौड़ा लीजिये ! ये सभी बातो के धनी थे ! लोग उनकी बातों पर ही लट्टू हुये ! फिरकी की तरह नाचे और उनकी हर सही गलत बात पर ताली बजाते रहे ! उनका सम्मोहन तभी टूटा जब बातें बनाने वाला मंच से विदा हुआ !

दुनिया जितनी संवरी दिखती है आज आपको वो बातो की ही बदौलत है और जो भी बिगड़ा है वो बातो का ही किया धरा है ! बातें करने वाले बातो पर कायम रहे ये कतई जरूरी नहीं पर जो अपनी बातों पर जमे रहे, जिन्होंने इसके लिये अपनी बात बिगड़ने की परवाह नहीं की वो नाम कर गये !

बातें बनाने वाला आता है ! बनाता है बातें और अपनी बात बनाकर निकल लेता है ! आप टापते रह जाते है उसको ! आप उससे अनमने है ! उधार वसूल करने आये हैं वो आपकी मुंहजबानी ऐसी खातिरदारी करता है कि आप उसे कुछ और रकम थमा आते है ! हो सकता है आप यह तय कर लें कि इस बार जो हुआ सो हुआ अगली बार इसकी बातों मे नही आऊँगा पर अगली बार भी होता वही है जो बातें बनाने वाला चाहता है ! वह आता है ! बातों से बातें निकालता है ! और अपनी बात बना ले जाता है !

बातें बनाने के लिये एक अलग ही फितरती किस्म का कॉन्फिडेंस चाहिये होता है ! सामने वाले को बेवकूफ समझने या बना लेने का हौसला होना चाहिये आदमी में ! बातो में इतनी रवानी होना चाहिये कि सुनने वाले बह ही जायें ! डूब जाये उसमें और कोई मुश्किल सवाल ना कर सके !

हम फुरसतिये समाज है ! दुनिया भर की पंचायत करने के लिये, बवाल काटने के लिये बहुत वक होता है हमारे पास ! ऐसे में बातें बनाने वाले की अपनी अलग ही ख्याति होती है ! लोग इंतजार करते है उसका ! वह जिस मजमे मे पहुँच जाता है उसे लूट लेता है ! लम्बी लम्बी छोड़ता है वो ! लोग लपेटते हैं ! सर धुनते हैं ! जलेबियाँ बनती है बातों की ! और सुनने वाले बातों से ही पेट भर लेते है !

बात उनकी ही बिगड़ती है जिन्हें बातें बनाना नही आता !

यदि आपको बातें बनाना नही आता तो आप गधे हैं ! गधे राज नही करते ! वो लदे रहने के लिये ही पैदा होते है ! सो लदे रहिये ! हमे तो है बातें बनाना ! सो राज करना हमारा हक है !

एक और आखÞरी बात ! सही बात तो ये है कि अब सारे ही, हर कोई बात बनाने का हुनर जानता हो ऐसा भी नही है ! यह उपर वाले की कृपा है ! ये वो पैदायशी ललित कला है जो सीखी नही जा सकती ! फुरसत में था मैं ! करने धरने को कुछ खास है नही ! लिहाजा ये सारी बातें केवल बात बनाने के लिये ही कही गयी हैं !