• २०८१ असोज २४ बिहीबार

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर

श्रीगोपाल नारसन

जन्म लेने से जिसे रोकते
वह जगत जननी हमारी है
कहने को वह आधी दुनिया
सारी दुनिया पर भारी है
बेटी,बहन,बुआ,मां,मौसी
दादी,नानी वह हमारी है
युगल बनकर साथ निभाती
जीवन की नायिका हमारी है
सुबह से उसको शाम हो जाती
काम से निजात न मिल पाती
पहले घर मे सबको खिलाती
बाद में रूखा,सूखा खा पाती
त्याग, समर्पण की मिशाल रही
दुनिया मे नारी शक्ति कहलाती।